Monday, November 8, 2021

Deep

मिल कर हाथ बढ़ाते है
कोरोना को भगाते है
चलो आज दीप जलाते हैं 
घर में ही रहते हैं 
परिवार के संग हस्ते हैं 
बाहर नही निकलते हैं 
चलो आज दीप जलाते है

घर में ज्ञान देते है
अफवाह ना फैलाते हैं 
सबको ये सिखाते है
बाहर ना जाते हैं 
चलो आज दीप जलाते हैं 

   सौरभ सहाय

“मौन उदासी का चाँद” The Moon of Silent Sorrow

Hindi  सब तरफ अँधेरा हो जाए और सब कुछ उदासी से भरा हो, चाँद हो मगर उदासी से भरा हुआ, नींद हो मगर किसी उदासी से भारी, और दिल... वो भी चुपचाप ...