What we see isn’t always good. You must have heard the saying, "All that glitters is not gold." Similarly, we need to accept the reality that a person's true beauty lies in their way of thinking, their thoughts, and their behavior—not in their outward appearance.
Often, an action by one person might seem good to someone and bad to someone else. This makes it clear that there is no fixed standard for beauty or goodness. It all depends on how the other person perceives it.
To truly understand beauty and goodness, we must look beyond external appearances and recognize the inner truth and thoughts of a person. That is the hallmark of a wise and sensitive individual.
Saurabh Sahai
✍️Hindi translation
क्या हम शरीर और मन की खूबसूरती को एक गलत दृष्टि से देख रहे हैं? मुझे लगता है, हाँ। जब हम किसी व्यक्ति को पहली बार देखते हैं, तो अक्सर उसके बाहरी रूप को देखकर ही अपने मन में एक धारणा बना लेते हैं कि वह व्यक्ति अच्छा है या बुरा। लेकिन क्या सिर्फ शारीरिक खूबसूरती के आधार पर किसी व्यक्ति को समझना संभव है? मेरी नज़र में इसका कोई अर्थ नहीं।
दिखने वाली चीज़ें हमेशा अच्छी हों, यह ज़रूरी नहीं। आपने भी कभी न कभी सुना होगा कि हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती। इसी तरह, हमें यह सच्चाई अपनानी चाहिए कि किसी व्यक्ति की असली खूबसूरती उसके सोचने के तरीके, उसके विचारों और व्यवहार में होती है, न कि उसके बाहरी रूप में।
अक्सर एक व्यक्ति द्वारा किया गया काम किसी के लिए अच्छा हो सकता है और वही काम किसी और के लिए बुरा लग सकता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि खूबसूरती और अच्छाई का कोई एक निर्धारित मापदंड नहीं है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि सामने वाला व्यक्ति किस नज़र से देख रहा है।
असली खूबसूरती और अच्छाई को समझने के लिए हमें व्यक्ति के अंदर छुपी सच्चाई और उसकी सोच को पहचानना होगा, न कि सिर्फ उसके बाहरी रूप को। यही एक समझदार और संवेदनशील व्यक्ति की पहचान है।